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प्रवासियों की सेवा करते करते sonu sood हुए 10 करोड़ के कर्जदार ।

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हमारे देश में कोरोना महामरी को रोकने के लिए लगाए गए लॉक डॉउन में फंसे प्रवासियों कि  sonu sood  दिल खोल के सेवा की हजारों लोगों को सुरक्षित रूप से उनके घर पहुंचाया। और आज भी  कई  बच्चो की पढाई में मदत कर  रहें हैं ।  इस भयानक महामारी में sonu sood ने जितने लोगों की मदत की उन सब लोगों की जिंदगी के रियल हीरो  हैं । बहुत कम लोग ये  हैं कि लॉक डॉउन में फंसे लोगों की मदद करते वे खुद 10 करोड़ के कर्जदार हो गए हैं । उन्होंंने अपनी संपति गिरवी रख कर बैंको से कर्ज लिया है , बालीवुड स्टार की बहन मालविका सूद कहती हैं कि लोगों की सेवा के लिए बैंकों से कर्ज लेने की बात उजागर कर वे सहानुभूति हासिल नहीं करना चाहते। सोनू किसी को दुख, पीड़ा में नहीं देख सकते हैं। उसकी मदद के लिए उन्हें फिर कुछ भी करना पड़े। कर्ज तो कुछ समय में चुका दिया जाएगा, लेकिन लोगों की मदद का मौका बार-बार नहीं मिलेगा। वह कहती हैं कि उनके भाई ने जो किया उससे वह बहुत खुश हैं।

नारी देवी और भगवान शिव मंदिर ।।

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नौजुला प्रसिद्ध मां नारी देवी का मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के नारी गांव में स्थित है । ये शंकराचार्य द्वारा बनाया गया एक सुंदर मंदिर है जिसमें मां चंडिका और भगवान शिव विराजमान हैं । वैसे तो नारी नारी गाँव एक सुंदर जगह पर बसा गाँव है जिसके चारों और सुंदर पहाड़ स्थित हैं , पर नारी गाँव के बीच में मा चंडिका और भगवान शिव का मंदिर होने के कारण इस गाँव की सुन्दरता में चार चांद लग जाते हैं । इस गाँव मै हर साल देविय कार्यक्रम , जेसे - पांडव नृत्य , शिवपुराण , महाशिवरात्री , जन्माष्टमी , जैसे- कार्यकर्म  मनाए जाते हैं , पर हर २० साल बाद यहां भगवान शिव अपने स्थान से ६ महीने के लिए अपनी दिवारा यात्रा पर निकलते है , और ६ महीने में चारों दिशाओं का भ्रमण करके अपने सारे भक्तों को अश्रीवाद देते हैं , और भगवान शिव की ६ महीने की यात्रा ख़तम होने के बाद मां नारी देवी भी दीवारा यात्रा को प्रस्थान करती हैं , ..... ............ ......... ................... ........... .............. ।                 

केदारनाथ 🙏

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केदारनाथ   हिमालय पर्वतमाला  में बसा  भारत  के  उत्तरांचल   राज्य  का एक कस्बा है। यह  रुद्रप्रयाग  की एक नगर पंचायत है। यह  हिन्दू  धर्म के अनुयाइयों के लिए पवित्र स्थान है। यहाँ स्थित  केदारनाथ मंदिर  का  शिव लिंग  १२  ज्योतिर्लिंगों  में से एक है और  हिन्दू धर्म  के  उत्तरांचल के चार धाम  और  पंच केदार  में गिना जाता है। श्रीकेदारनाथ का मंदिर ३,५९३ मीटर की ऊँचाई पर बना हुआ एक भव्य एवं विशाल मंदिर है। इतनी ऊँचाई पर इस मंदिर को कैसे बनाया गया, इस बारे में आज भी पूर्ण सत्य ज्ञात नहीं हैं।  सतयुग  में शासन करने वाले राजा केदार के नाम पर इस स्थान का नाम केदार पड़ा। राजा केदार ने सात महाद्वीपों पर शासन और वे एक बहुत पुण्यात्मा राजा थे। उनकी एक पुत्री दो पुत्र थे । पुत्रका नाम  कार्तिकेय (मोहन्याल)  व  गणेश  था । गणेश बुद्दि व  कार्तिकेय (मोहन्याल) शक्ति के राजा देवता के रुपमे संसार प्रसिद्द है ।उनकी एक पुत्री थी वृंदा जो  देवी लक्ष्मी  की एक आंशिक अवतार थी। [1]  वृंदा ने ६०,००० वर्षों तक तपस्या की थी। वृंदा के नाम पर ही इस स्थान को वृंदावन भी कहा जाता है। यहाँ तक पहुँचने के दो